Friday, February 23, 2018

ये तेरा इश्क़ कैसा है-2

       
                        ये तेरा इश्क़ कैसा है-2

मुहब्बत की नुमाइश को चाहत तुम समझते हो
जरा आंखों में देखो तो,मेरी पलकों में रहते हो।
   ये तेरा इश्क़ कैसा है ये मेरा इश्क़ कैसा है।
मेरी नींदें चुराकर तुम खुद ख्वाबों में बसते हो।

जरा सीने से लग जाओ मेरे दिल मे धड़कते हो।
जुबां खामोश रखते हो मगर दिल से तड़पते हो।
  ये तेरा इकरार कैसा है ये मेरा इज़हार कैसा है
जलाकर तुम परवाना कभी शमां से फड़कते हो।

एक हसरत सी दिल मे थी जिसे मैंने संभाला है
मेरे सपनो के आंगन में तुझे नाजों से पाला है।
  ये तेरा शबाब कैसा है ये मेरा गुलाब जैसा है
तूने पाने की चाहत में ,पीया जीवन का हाला है।

तुझे देखे अगर कोई, तो मेरा ये दिल जलता है
मुझे छू ले अगर कोई तो तेरा दिल भी जलता है।
   ये तेरा रश्क कैसा है ये मेरा रश्क कैसा है
न पूछो तुम भला कैसे ये मेरा दिल सम्भलता है।

 नजरों से इनायत है ,जुबाँ खामोश रखते हो 
 लबों पे नाम लेकर भी मगर इनकार करते हो
     तेरा इश्क़ कैसा है ये मेरा इश्क़ कैसा है 
कभी इनकार करके भी फिर स्वीकार करते हो
©पंकज प्रियम
23.2.2018.12:28am



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