Monday, September 10, 2018

हिचकी। मुक्तक

हिचकी
करो ना याद तुम इतना,मुझे हिचकी सताएगी
करूँ जो याद मैं तुझको,तुझे हिचकी रुलाएगी।
हमारी हिचकियों में ही,कहीं ना जा निकल जाए
मुझे धड़कन बना लो तुम,कभी हिचकी न आएगी।
©पंकज प्रियम

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