Sunday, September 9, 2018

428. भाषा

भाषा निज सम्मान है,भाषा से पहचान।
भाषा हित समाज है, भाषा से अरमान।।

मातृभाषा से अपनी,करते सब हैं प्यार।
मातृभाषा बोल बड़ी,है अपना हथियार।।

हिंदी भाषा हिन्द की,अंग्रेजी को छोड़।
दिल बसा ले स्वदेशी,इससे नाता जोड़।

हिंदी भाव सहज बड़ी,मीठे इसके बोल।
भाषा सब हिंदी खड़ी,कानों में रस घोल।।

©पंकज प्रिय

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