Monday, September 24, 2018

432.सुई धागा

बहुत फट गए अपने रिश्ते
कुछ नए कुछ पुराने रिश्ते
उन से फिर मिलना होगा
फिर उनको सिलना होगा।

आसानी से ये नहीं मिलेंगे
#सुई धागा से नहीं सिलेंगे
दिल से दिल मिलना होगा
फिर उनको सिलना होगा।

सुई का काम चुभोना है
धागे का काम पिरोना है
एक दूजे में मिलना होगा
प्रेम से सब सिलना होगा।

आओ तुम सुई बन जाओ
मुझको भी खुद में समाओ
फूलों को भी खिलना होगा
रिश्तों को भी सिलना होगा।

©पंकज प्रियम

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