Thursday, September 13, 2018

427.गणेश मुक्तक

गणेश चतुर्थी की ढेरों शुभकामनाएं

विघ्नहर्ता प्रथम पूज्य तुम,हे गजानन! अभी कहाँ हो?
अज़ब गति है तेरी विनायक,कभी यहाँ हो,कभी वहाँ हो।
हमारा तनमन तुझे ही अर्पण,कभी करा दो मुझे भी दर्शन
बरस रही है तरस के नैना,दरस दिखा दो अभी जहाँ हो।

©पंकज प्रियम

No comments: