तुम
किया है जो वादा मुझसे
बस उतना ही निभाना तुम।
कुछ और नहीं इरादा मेरा
हाथों से हाथ मिलाना तुम।
लकीरों पे नहीं रहा भरोसा
मेरी किस्मत बनाना तुम।
कोरा कागज़ है जीवन मेरा
प्रेम की स्याही गिराना तुम।
तोड़ दूँ मैं सारे जग का घेरा
यूँ हौसला मेरा बढ़ाना तुम।
©पंकज प्रियम
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