Wednesday, August 29, 2018

417.नहीं आता

तुझे हंसना नहीं आता
मुझे रोना नहीं आता
सवालों के बवंडर में
मुझे खोना नहीं आता
तुझे मैं याद नहीं आता
मैं तुझे भूल नहीं पाता
यादों के इस भंवर से
निकलना नहीं आता।
मुझे इज़हार नहीं आता
तुझे इक़रार नहीं आता
मुहब्बत के सफ़र में
मुझे इनकार नहीं आता।
©पंकज प्रियम

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