Friday, August 31, 2018

420.मुहब्बत है

मुहब्बत
नहीं कोई गिला तुझसे,नहीं तुझसे शिकायत है
हमारे ख़्वाब हैं इतने,किया दिल से बग़ावत है
अगर मुझपे यकीं ना हो,जरा दिल से ही पूछो
तुझे मुझसे मुहब्बत है,मुझे तुझसे मुहब्बत है।
©पंकज प्रियम

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