हर हर महादेव
जय भोले बम शंकर
सारे जग में तू ही तू
सुबह शाम हर पहर
नाम मैं तेरा ही भजूँ
हर हर महादेव शम्भू।
जो भी आता तेरे दर
उसका काम करे तू
गली गांव, हर डगर
तेरी ही माला मैं जपूं
हर हर महादेव शम्भू।
सर्पों की माला पहन
शशि शीश चढ़ाया तू
गति गंगा कर सहन
धरती को बचाया तू
हर हर महादेव शम्भू।
जो खुली तीसरी नजर
सबको भस्म करे है तू
जो खुश हो जाये अगर
मांग सबकी भरे है तू।
हर हर महादेव शम्भू।
.पंकज प्रियम
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