झूम के आया सावन
बगिया लगा हिंडोला।
मौसम बड़ा मनभावन
सजा फूलों का झूला।
बरखा ले लाया सावन
झूम के मन है डोला
कहां बसे तुम साजन
आओ संग झूलें झूला।
आसमां में छाए बादल
पिहू पिहु पपीहा बोला
बरखा जो लाए बादल
प्रेम का रंग संग घोला।
मस्ती में सारी सखियां
झूला रही मुझे हिंडोला
मुझको है छेड़े सखियां
तेरे संग झुलूँ मैं झूला।
©पंकज प्रियम
बगिया लगा हिंडोला।
मौसम बड़ा मनभावन
सजा फूलों का झूला।
बरखा ले लाया सावन
झूम के मन है डोला
कहां बसे तुम साजन
आओ संग झूलें झूला।
आसमां में छाए बादल
पिहू पिहु पपीहा बोला
बरखा जो लाए बादल
प्रेम का रंग संग घोला।
मस्ती में सारी सखियां
झूला रही मुझे हिंडोला
मुझको है छेड़े सखियां
तेरे संग झुलूँ मैं झूला।
©पंकज प्रियम
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