Wednesday, August 29, 2018

416.माँ की गोदी

माँ

एक मीठी मुझको लेने दो
एक मीठी मुझको देने दो
तेरी गोदी में है सारा जहां
जी भर के मुझे सो लेने दो।

बचपन मुझे यूँ जी लेने दो
अपना ममत्व पी लेने दो
तुझे छोड़ के जाना कहाँ
छाँव आँचल की लेने दो।

ये वक्त कहाँ फिर आएगा
ये तख्त कहाँ मिल पाएगा
तेरे कदमों में ही जन्नत माँ
ये अक्स कहाँ खिल पाएगा।

दिल की बात कह लेने दो
सब जज़्बात कह लेने दो
मेरी बस यही हसरत माँ
अपनी सोहबत रह लेने दो।
©पंकज प्रियम

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