-मेंहदी
विधा -धनाक्षरी
हिना का देख कमाल
हरे पत्तों का धमाल
हाथों को करदे लाल
नारी का श्रृंगार है।
लाल रंग है अंजाम
हाथ रंगना है काम
मेंहदी जिसका नाम
सुहाग का प्यार है।
शील पे पिसता जाय
खुद बिखरता हाय
रंग निखरता जाय
इसका संस्कार है।
सखियां भी नाचे साथ
मेंहदी रची जो हाथ
आ जाओ तुम भी नाथ
मेंहदी त्यौहार है।
©पंकज प्रियम
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