Tuesday, July 9, 2019

601.गुजरने से पहले

वक्त गुजरने से पहले

थाम लेना स्वयं को
वक्त गुजरने से पहले
नहीं वक्त रुकता
कभी ना है थमता
ठहरता नहीं है ये
किसी के लिए।
कर्म अच्छे तू करना
साँस थमने से पहले।
सदा साँस चलती नहीं
कभी जिन्दगी के लिए।
ये दौलत ये शोहरत
ये जवानी ये सूरत
नहीं खत्म होगी कभी
ये जरूरत किसी के लिए।
निभाना तू रिश्ते नाते तू सारे
दिलों के डोर से जलने से पहले
सभी संग होंगे अंतिम सफ़र में
मगर तुझको जाना अकेले डगर में
साथ होंगे तुम्हारे, किये कर्म सारे
अच्छे करम से लगोगे किनारे
नहीं संग जाएगा कुछ भी तुम्हारे
रहेगा वही नाम, कमाया जो प्यारे।
करो कुछ तुम ऐसा गुजरने से पहले
सफ़र आखिरी में बहे नीर तेरे लिए।

©पंकज प्रियम
गिरिडीह, झारखण्ड

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