Wednesday, July 24, 2019

612.ऋषिकेश

गंगा तीरे भोले राजे, मूर्ति नयनाभिराम।
ऋषिकेश की ये पावन भूमि, देवों का है धाम।
कल-कल बहती पावन गंगा, लेकर शिव का नाम।
दृश्य मनोरम मन को भाता, नैनों को आराम।
©पंकज प्रियम

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