Saturday, July 20, 2019

605.मज़हब


विधाता छन्द 1222*4
पढो कुरआन या गीता, प्रभु का सार बस दिखता,
नहीं नफऱत सिखाती ये, सभी में प्यार बस दिखता।
कहाँ मज़हब सिखाता है, किसी से बैर करने को-
अमन जिसको नहीं भाता, उसे तकरार बस दिखता।।

©पंकज प्रियम
गिरिडीह, झारखंड


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