Saturday, July 27, 2019

615.धरती-बादल

छुपी आगोश में धरती, मुहब्बत देख बादल का,
बड़ा ही खूबसूरत सा, नजारा देख इस पल का।
समायी है धरा कैसी, जलद की बांह में जाकर-
मनोरम है बड़ा देखो, मिलन वसुधा व बादल का।।
©पंकज प्रियम

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