Tuesday, October 9, 2018

451.सत्य

सत्य

सत्य का सूरज कभी ढलता नहीं
झूठ के आँचल कभी पलता नहीं
ढंके कुछ पल भले झूठ का बादल
जो सत्य है वो कभी बदलता नहीं।

©पंकज प्रियम

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