Tuesday, October 16, 2018

461.प्यार/मुक्तक

प्यार/मुक्तक

मुहब्बत की निगाहों से,तुझे इजहार कर दूँगा
समंदर सी तेरी आँखे,इश्क़ का ज्वार भर दूँगा
गुलाबी पंखुड़ी से हैं,......शबनमी होठ ये तेरे
अधर को चूमकर तेरे..लबों से प्यार कर लूँगा।

©पंकज प्रियम

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