मैं
राम लौटे जब अयोध्या,
पूछा उनसे कौसल्या ने।
दुष्ट दुराचारी रावण को,
मार दिया लल्ला तुमने।
धीर-गम्भीर बोले राम,
नहीं उसको मारा मैंने।
लंकापति रावण को तो,
खुद उसको मारा "मैं" ने।
रावण को था अभिमान,
तीन लोक में शक्तिमान।
मैं को खुद पाला उसने,
खुद उसको मारा मैंने।
मैं ही तो सबका दुश्मन,
महिषासुर हो या रावण।
मैं को जिया है जिसने,
खुद उसको मारा मैं ने।
मैं में ख़त्म हुआ जीवन,
बाली, कंस या दुर्योधन।
मैं को ही अपनाया इसने
खुद उसको मारा मैं ने।
©पंकज प्रियम
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