Saturday, October 26, 2019

700. शुभ दीवाली होगी

घर-घर में जब खुशहाली होगी,
समझना तब शुभ दीवाली होगी।

मन का तिमिर जब मिट जाएगा,
तन का भेद जब सिमट जाएगा।
प्रस्फुटित होगा जब ज्ञान प्रकाश,
अमावस में भी चमकेगा आकाश।
घर घर में जब खुशहाली होगी,
समझना तब शुभ दिवाली होगी।

जब नौजवानों का उमंग खिलेगा,
दिल से दिल का जब तरंग मिलेगा।
नव सर्जन का जब होगा उल्लास,
शब्द अलंकारों का होगा अनुप्रास।
जब मस्ती अल्हड़ निराली होगी,
समझना तब शुभ दीवाली होगी।

हर हाथ को जब काम मिलेगा,
हर साथ को जब नाम मिलेगा।
कर्ज में डूबकर ना मरे किसान,
फ़र्ज़ में पत्थर से न डरे जवान।
जीवन में ना जब बदहाली होगी,
समझना तब शुभ दीवाली होगी।

भूखमरी, गरीबी और बेरोजगारी,
इससे बड़ी कहाँ और है बीमारी।
इन मुद्दों का जब भी शमन होगा,
सियासी मुद्दों का तब दमन होगा।
गली-गली सड़क और नाली होगी,
समझना तब शुभ दीवाली होगी।

जब सत्य-अहिंसा की जय होगी,
संस्कृति-संस्कारों की विजय होगी।
जब हर घर ही प्रेमाश्रम बन जाए,
फिर कौन भला वृद्धाश्रम जाए।
मुहब्बत से भरी जब थाली होगी,
समझना तब शुभ दीवाली होगी।

जब कोख में बिटिया नहीं मरेगी,
दहेज की बेदी जब नहीं चढ़ेगी।
जब औरतों पर ना हो अत्याचार,
मासूमों का जब ना हो दुराचार।
जब माँ-बहन की ना गाली होगी,
समझना तब शुभ दीवाली होगी।

मुद्दों की फेहरिस्त है लम्बी इतनी,
लंका में पवनसुत पूँछ की जितनी।
सब पूरा होना समझो रामराज है,
राम को ही कहाँ मिला सुराज है!
अयोध्या में जब वो दीवाली होगी,
समझना तब शुभ दीवाली होगी।
©पंकज प्रियम

4 comments:

Alaknanda Singh said...

जब औरतों पर ना हो अत्याचार
मासूमों का जब ना हो दुराचार।
जब माँ-बहन की ना गाली होगी
समझना तब शुभ दीवाली होगी।----#बहुतखूब ल‍िखा पंकज जी ...

Anita Laguri "Anu" said...

.. जी बिल्कुल सही कहा हर तकलीफों से परे जब एक नया सवेरा होगा हर एक इंसान खुश होगा सबके हिस्से रोटी आएगी औरतें बच्चियां सब सुरक्षित होंगी तब वाकई में सकारात्मकता. से भरपूर . नवीन विचारों को जन्म देती खूबसूरत कविता शुभ दीपावली का खूबसूरत रचना

पंकज प्रियम said...

आप दोनों का बहुत बहुत आभार

पंकज प्रियम said...

आप दोनों का बहुत बहुत आभार