Tuesday, December 11, 2018

471.इश्क़

मत सोच की जमाना क्या कहेगा
जो लिखा है वही तो होकर रहेगा
कर ले जमाना चाहे कुछ भी तेरा,
तू इंसा है तुझे इश्क़ होकर रहेगा।

©पंकज प्रियम

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