Friday, December 14, 2018

477.यादों का लिहाफ़

लिहाफ़

दिन में देखकर भले ही मुंह मोड़ लेना,
मेरे हर तोहफ़े को बेशक तुम तोड़ देना।
लेकिन ठंड अधिक सताए तो मेरी जान,
मेरी गर्म यादों का लिहाफ़ तू ओढ़ लेना।।
©पंकज प्रिय

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