Thursday, December 13, 2018

474.चुनरिया

चुनरी

उड़-उड़ जाए तेरी चुनरिया,
मेरा दिल धड़काए
रह-रह के तड़पाये गोरिया
जब चुनरी तू सरकाए

रंग-बिरंगी चुनर तेरी
तितली भी शरमाये
आसमां में छाए बदरी
इंद्रधनुषी सी भरमाए।
धक-धक के धड़काये गोरिया
जब चुनरी तू सरकाए।
रह-रह..

धानी तेरी चुनर गोरी
मन में लगन लगाए
लाली तेरी चुनर गोरी
तन में अगन जगाए।
मह-मह के महकाए गोरिया
जब चुनरी तू सरकाये
रह-रह के बहकाए गोरिया
जब चुनरी तू सरकाए
©पंकज प्रियम

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