Thursday, July 19, 2018

387.इश्क़ रूहानी

इश्क़ रूहानी
जिन लफ्ज़ों की दुनियां दीवानी है
उनमें छुपी मुहब्बत की निशानी है।
मुश्किल है इस दिल को समझाना
हर धड़कन सुनाती तेरी कहानी है।
मुश्किल है दरिया इश्क़ पार जाना
आग सी धधकती यहाँ जवानी है।
जिस्म नहीं हमें तो रूह तक जाना
नहीं समझे!हमारा इश्क़ रूहानी है।
समझना हो अगर तो घर आ जाना
प्रियम के दर पे मौसम रूमानी है।
©पंकज प्रियम

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