Friday, July 27, 2018

397.अरमान

अरमान
जितना कम अरमान रहेगा
उतना जीवन आसान रहेगा।

अपेक्षा जितनी गहरी होगी
दर्द का बढ़ता सामान रहेगा।

हसरतों की चौखट पे आके
हरवक्त तू खड़ा हैरान रहेगा।

मुश्किलों में खुद को तनहा
खुद से ही तू परेशान रहेगा।

जिंदगी को जीभर तू जी ले
यही खुद पे एहसान रहेगा।
©पंकज प्रियम

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