कारवाँ
गुजर गया कारवाँ
यूँ हीं गुजरता रहेगा
जीवन-पथ मुसाफ़िर
सफ़र करता रहेगा।
जाना सभी को वहाँ
सिलसिला चलता रहेगा
कोई दीपक की तरह
यादों में जलता रहेगा।
यादों में तेरी यहाँ
रोज खत लिखता रहेगा
पंक में भी कमल
रोज यहाँ खिलता रहेगा।
लफ्ज़ों का धुँवा
तेरा खूब उठता रहेगा
तू उठे न उठे तेरा
कारवाँ चलता रहेगा।
©पंकज प्रियम
#कवि नीरज को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि
#नमन नीरज
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