Sunday, May 5, 2019

555.आतंकवाद

क्या है आतंकवाद ?
क्यूँ उठते सवाल?
हर हादसों के बाद !
\निर्दोषों का कत्लेआम
बम विस्फोट सरेआम
दहशत के लिए आतंक फैलाना
यही तो है आतंकवाद /
आखिर कौन है ये आतंकी?
जो यूँ करते निर्दोष
,मासूमो का नरसंहार
आखिर क्या मिल जाता है इनको
क्यूँ खुद को उड़ा लेता है १६ साल का जवान
कितना सुकून मिलता है उसके रूह को
क्या नसीब हो जाती है जन्नत या फिर
मिल जाती है उसको हूर की ७२ परियां?
किसने भरा जहर हर नौजवान में ?
जो आत्मघाती बनने को तैयार हो जाता है
उसे बतलाया जाता है की धर्म के नाम पर जिहाद करना
लालच मिलती है जन्नत की
और ख्वाब दिखाया जाता है 72 हूरों का
धर्म के लिए कुर्बान होने को तैयार किये जाते
अरे, आतंकी !
जिहाद से जन्नत और 72 हरें नसीब गर होती
तो फिर आतंक का पाठ पढ़ाने वाले
रग-रग में जिहाद का जहर भरने वाले
इतने में दिलदार नहीं होते की
जन्नत और हूरों को यूँ तुम्हारे लिए छोड़ जाते
तुमसे पहले वो जन्नत की राह पकड लेते.
लोग कहते आतंक का कोई धर्म नहीं होता
चलो माना की उसका मजहब नही होता
लेकिन हर आतंकी खास क्यूँ होता है?
क्यूँ निकलते है आतंकियों के जनाजे?
क्यूँ उसे दो गज की जमीं नसीब होती है?
आतंकवाद को बढ़ावा देते कुछ स्वार्थी अपने
जिन्हें मिलता है सहयोग चुनावी
भितरघात करते आतंक के सरपरस्त
इन्हें पहचानना होगा
आतंकवाद से पहले इनके सर कुचलना होगा
तभी होगा शांति और अमन आबाद
खत्म जब हो जाएगा आतंकवाद

पंकज प्रियम

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