Sunday, May 5, 2019

556. बेशर्म महबूबा

बेशर्म महबूबा/मुक्तक

बड़ी बेशर्म महबूबा,.....जुबाँ है पाक की इसकी,
लगी मिर्ची इसे देखो, मिली जो पाक को धमकी।
अगर इतनी मुहब्बत है, पड़ोसी मुल्क से तुझको-
चले जाओ उसी के घर, तुझे चाहत यहाँ किसकी।
©पंकज प्रियम
22.04.2019

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