Friday, May 3, 2019

मुसाफ़िर

पंकज भूषण पाठक प्रियम 
मेरा परिचय :सिर्फ इतना
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मुसाफ़िर,अल्फ़ाज़ों का
ख़ुद से बंधा,नियम हूँ मैं।
लफ्ज़ समंदर,लहराता
शब्दों से सधा,स्वयं हूँ मैं।
साहित्य सृजन,सरिता
प्रेम-पथिक,"प्रियम" हूँ मैं।
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विगत 20 वर्षों से लेखन और पत्रकारिता से जुड़े हैं।प्रारम्भिक स्कूली शिक्षा के समय से ही कविता,गज़ल,नाटक कहानी,लेख और निबन्ध लिखते रहे हैं।बचपन में रंगमंच पर भी अभिनय के लिए कई बार पुरस्कृत।विभिन्न विधाओं में सैकड़ों रचनाएं देशभर की पत्र- पत्रिकाओं में प्रकाशित। वर्ष 2001 से सक्रिय पत्रकारिता:-रांची एक्सप्रेस,दैनिक जागरण,हिन्दुस्तान,तरंग भर्ती,प्राइमरिपोर्ट,आकाशवाणी,ईटीवी,साधना,महुआ जैसे राष्ट्रीय व  क्षेत्रीय न्यूज चैनलों में कार्य का अनुभव। 'बिगुल आजकल' पत्रिका के प्रधान-संपादक। सम्प्रति झारखण्ड सरकार में संचार सलाहकार के रूप में कार्यरत और विभागीय पत्रिका "स्वच्छता प्रहरी" का संपादक । इसके अलावा कई पत्र-पत्रिकाओं का संपादन। कई डॉक्यूमेंट्री और लघु फ़िल्मों का निर्माण। स्थानीय फीचर फिल्मों के लिए भी लेखन और जनसम्पर्क कार्य। आकाशवाणी, रांची के समाचार एकांश में आ.संपादक,दूरदर्शन और रेडियो पर शोध-पत्र जारी। काव्य पाठ और मंच संचालन में भी सक्रिय भागीदारी।
सम्मान
* 11 वें अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य सम्मेलन,ग़ाज़ियाबाद 2003 में  "साहित्य सेवी सम्मान" से अलंकृत।
* हिन्द गौरव सम्मान,2018 (साहित्य संगम)
* साहित्य भूषण ,2018 (काव्य रंगोली)
* काव्य सागर ,2018 ( साहित्य सागर)
* कविता बहार सम्मान,2019(कविता बहार)
* स्वास्थ्य,स्वच्छता,शिक्षा एवं ग्रामीण विकास के क्षेत्र में सामाजिक सेवा।
*पुस्तकें
1.प्रेमांजली(काव्य संग्रह)
2.अंतर्नाद(काव्य संग्रह)
3.लफ्ज़ समंदर(काव्य संग्रह)
4.मेरी रचना(साझा संग्रह)
5.नारी-एक आवाज़(साझा काव्य संग्रह)
6.मुझे छूना है आसमां(साझा काव्य संग्रह)
7.पीरियड्स:द रेड ब्लड स्टोरी(कहानी संग्रह)
8.सफ़र ज़िंदगी(गज़ल संग्रह)
9. बड़ी ख़बर( कहानी संग्रह)
10. इश्क़ समन्दर ( काव्य संग्रह)
11.साहित्य समिधा (साझा संग्रह प्रकाशनाधीन)
शोध पत्र
1.ग्रामीण विकास में रेडियो की भूमिका(शोध-पत्र)
2.दूरदर्शन के कृषि कार्यक्रमों का प्रभाव(शोध-पत्र)
ईटीवी बिहार/झारखण्ड
*शिक्षा विभाग के खिलाफ बड़ा स्टिंग-ऑपरेशन सरस्वती(2006)
*रामगढ़ थाना में स्टिंग-ऑपरेशन पासपोर्ट(2007)
*निजी विवरण:
पिता-आचार्य श्री भागवत पाठक
माता-श्रीमति सर्वेश्वरी देवी
जन्मतिथि-08 नवम्बर 1978
*पैतृक गांव- बसखारो,धर्मपुर जमुआ,गिरिडीह।815318
*स्कूली शिक्षा:-तिसरी,गिरिडीह
*जन्म,कर्म और उच्च शिक्षा:-रांची।
*जन्तु विज्ञान से स्नातक।
1.पत्रकारिता,2.जनसंचार,3.ग्रामीण विकास और 4.हिंदी विषय में स्नातकोत्तर। *कम्प्यूटर में डिप्लोमा।
*प्रसार भारती से "वाणी" प्रमाण-पत्र।
*सम्पर्क: 9006349249,7991179525
लिखने पढ़ने की आदत बचपन से रही है पत्रकारिता करते हुए कई मुद्दों पर लिखा जो अखबार और पत्रिकाओं प्रकाशित होती रही इसी दौरान इंटरनेट की दुनिया में सफर करते ब्लॉगर के विषय जानकारी मिली तो बदलाव नाम से अपना एक ब्लॉग तैयार किया और फिर अपना अलग जहाँ शुरू हो गया। रोज कुछ न कुछ लिखता था। समसामयिक विषय पर लेख, कविताएं और त्वरित टिप्पणियों से मेरा रोज का वास्ता था। कुछ दिनों के बाद मेरी रचनाधर्मिता और विषय ने ब्लॉग के नाम में ही बदलाव ले आया और फिर इसका नाम बदलकर मुसाफ़िर-अल्फ़ाज़ों का कर दिया। बीच के दो तीन साल कुछ निजी परेशानियों की वजह से ब्लॉगिंग नहीं कर पाया लेकिन अब यह रोज का हिस्सा बन चुका है।अब तक साढ़े पांच सौ से अधिक रचनाएँ पोस्ट कर चुका हूं।जिसमें हर तरह की रचनाएं। एक समस्या का समाधान अबतक नहीं हो पॉय है वह है एडसेंस एक्टिव नहीं हो पाना। पिछले 2 वर्षों से यह प्रक्रियाधीन ही नजर आ रहा है। 
बदलाव के परिवर्तित रूप मुसाफ़िर-अल्फ़ाज़ों का वाकई में अल्फ़ाज़ों के सफ़र में ले जाने को काफी है। गद्य-पद्य की साढ़े पांच सौ से अधिक रचनाएँ इसे लफ्ज़ों का समंदर बनाती है। जहां कविता है,ग़ज़ल है,गीतिका है,मुक्तक है,गीत है। प्रेम की रिमझिम फ़ुहार है तो विरह की धधकती ज्वाला भी है। मुहब्बत के ढेरों अफ़साने हैं तो बेवफाई के किस्से भी । रूहानी इश्क़ है तो समाज की नंगी तस्वीर भी है। आँसुओ का सैलाब है तो हँसी के ठहाके भी है। देश भक्ति और यशगान है तो समाज और सियासत की विद्रूपता पर करारा व्यंग्य भी है। लफ्ज़ों के इस विशाल समंदर में साहित्य के हर रंग देखने को मिल जाएंगे। गद्य में भी समसामयिक विषयों पर लेख,कहानियां और निबन्ध हैं। मुसाफ़िर -अल्फाज़ो का ब्लॉग अपने आप में इसलिए भी अनूठा है कि इसमें बहुत ही वैज्ञानिक तरीके से सजाया गया है और हमने अपना पूरा दिल निकाल कर रख दिया है।

1 comment:

Kamini Sinha said...

आप का पूर्ण परिचय जान कर काफी हर्ष हुआ ,लेखन के लम्बे यात्रा से गुजरे हैं आप तो ,कोटि कोटि नमन आप को