मरना जरूरी है
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यहाँ इंसाफ़ की ख़ातिर, सदा लड़ना जरूरी है,
मिले इंसाफ़ जो सबको, हमें अड़ना जरूरी है।
लटकता है जहाँ हरदम, मुकदमा कोर्ट में वर्षों-
त्वरित इंसाफ़ पाने को, सदा भिड़ना जरूरी है।।
किया अपराध है जिसने, उसे डरना जरूरी है,
बलात्कारी दुराचारी, उसे मरना जरूरी है।
अधर्मी को सज़ा देना, यही तो धर्म बतलाता-
अगर इंसाफ में देरी, यही करना जरूरी है।।
©पंकज प्रियम
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