Tuesday, December 10, 2019

742. मुहब्बत बीज


मुक्तक

शशि की गोद में सोया, शशक है नींद में खोया,
नहीं गिरने की है चिन्ता, तभी तो प्रेम से सोया।
धवल जो रंग दोनों का, निशा तारे सजा बैठी-
चमकती चाँदनी मद्धम, मुहब्बत बीज है बोया।
©पंकज प्रियम

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