Friday, March 23, 2018

प्रियम हूँ मैं..

प्रियम हूँ मैं..

मुसाफ़िर,अल्फ़ाज़ों का
खुद से बंधा नियम हूँ मैं।
लफ़्ज़ समंदर,लहराता
शब्दों से सधा,स्वयं हूँ मैं।
संस्कृति,संस्कारों का
खुद से गढ़ा,नियम हूँ मैं।
साहित्य सृजन,सरिता
प्रेम-पथिक,"प्रियम" हूँ मैं।
कमल का फूल खिलता
पाठक पंकज भूषण हूँ मैं।
औरों में,खुशी बिखेरता
कवि-लेखक"प्रियम" हूँ मैं।
सरस्वती की पूजा करता
मां सर्वेश्वरी पुत्र प्रियम हूँ मैं
कागज,कलम में ही जीता
श्यामल पुत्र "प्रियम" हूँ मैं।
अन्वेषा-आस्था कृति रचता
किशोरी पति प्रियम हूँ मैं।
मित्र प्रेम समर्पित करता
प्रियतम सखा प्रियम हूँ मैं।

**पंकज प्रियम
23.3.2018

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