23 मार्च 1931 को फाँसी को चूमते हुए शहीद हुए वीर भगत सिंह,सुखदेव और राजगुरु को मेरा सलाम।
वीर शहीदों के नाम
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
आज की शाम,वीर शहीदों के नाम कर जाएं
वतन पे मर मिटने वालों को सलाम कर जाएं।
सरफ़रोशी की तमन्ना,लिए दिल झूम लिया
हँसते हँसते उन्होंने,फाँसी को यूँ चूम लिया।
भगत,सुखदेव और राजगुरु,तीन वीर सपूत
अकेले ही फिरंगी बेड़े को, किया नेस्तनाबूद।
सेंट्रल एसेम्बली में यूँ ही, बम फेंक आया था
सांडर्स को मार, ब्रिटिश हुकूमत हिलाया था।
फाँसी देकर अंग्रेजों ने,बुजदिली दिखाया था
अफ़सोस! की तब बापू ने, नहीं बचाया था।
अरे!फिरंगी,क्यों नही,बहादुरी दिखाया था
चोरी चुपके वीरों को, यूँ फाँसी लटकाया था।
गर थी तुझमे हिम्मत, मैदान में तुम आ जाते
हर एक वीर वतन का,तुम्हें यूँ धूल चटा जाते।
आओ गाथा वीर जवानों का,फिर दुहरा जाएं
दुश्मन की छाती पे,झण्डा तिरंगा फहरा जाएं।
हर शाम वीर शहीदों के ही नाम हम कर जाएं
वतन पे मर मिटने वालों को सलाम कर जाएं।
-----पंकज प्रियम
22.03.2018
#प्रियम
वीर शहीदों के नाम
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आज की शाम,वीर शहीदों के नाम कर जाएं
वतन पे मर मिटने वालों को सलाम कर जाएं।
सरफ़रोशी की तमन्ना,लिए दिल झूम लिया
हँसते हँसते उन्होंने,फाँसी को यूँ चूम लिया।
भगत,सुखदेव और राजगुरु,तीन वीर सपूत
अकेले ही फिरंगी बेड़े को, किया नेस्तनाबूद।
सेंट्रल एसेम्बली में यूँ ही, बम फेंक आया था
सांडर्स को मार, ब्रिटिश हुकूमत हिलाया था।
फाँसी देकर अंग्रेजों ने,बुजदिली दिखाया था
अफ़सोस! की तब बापू ने, नहीं बचाया था।
अरे!फिरंगी,क्यों नही,बहादुरी दिखाया था
चोरी चुपके वीरों को, यूँ फाँसी लटकाया था।
गर थी तुझमे हिम्मत, मैदान में तुम आ जाते
हर एक वीर वतन का,तुम्हें यूँ धूल चटा जाते।
आओ गाथा वीर जवानों का,फिर दुहरा जाएं
दुश्मन की छाती पे,झण्डा तिरंगा फहरा जाएं।
हर शाम वीर शहीदों के ही नाम हम कर जाएं
वतन पे मर मिटने वालों को सलाम कर जाएं।
-----पंकज प्रियम
22.03.2018
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