प्रेम गीत
किसी के होश,उड़ जाएंगे
इस कदर न मुस्कुराओ।
किसी के कदम बहक जाएंगे
इस कदर न बहकाओ।
किसी के होश....
नशीले नैनों से जाम गिर जाएंगे
इस कदर न छलकाओ।
नजरों से घायल सब हो जाएंगे
ऐसे न तुम तीर चलाओ।
किसी के होश....
परवाने सब यूँ ही, तो जल जाएंगे
इस कदर न यौवन दिखाओ।
बिन बादल ही पानी बरस जाएंगे
इस कदर न जुल्फ लहराओ।
किसी के होश.....
आहें भर भर के,दीवाने मर जाएंगे
इस दिल पे ,थोड़ा रहम खाओ।
निगाहें भर भर के,यूँ कहर ढाएंगे
प्रियम, प्रियतम तुम बन जाओ।
किसी के होश ,उड़ जाएंगे
इस कदर न मुस्कुराओ।
#प्रेमांजली
©पंकज प्रियम
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