Thursday, March 1, 2018

यूँ खामोश हो जाना

यूँ खामोश हो जाना
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कल फिर निकलेगा चाँद
मगर नही निकलेगी चाँदनी
रौशन होगी पूनम की रात
मगर नही निकलेगी चाँदनी।

बहुत याद आएगी चाँदनी
यूँ तेरा खामोश गुजर जाना ।
बड़े ही नाजो अदा से यूँ तेरा
मौत के आगोश संवर जाना
बहुत याद आएगी चाँदनी
चौदहवीं की रात होके विदा
चाँदनी का यूँ बिखर जाना।
कर के गमगीन जहां को
यूँ तेरा हवा हवाई हो जाना।
बहुत याद आएगी नागिन
यूँ बाथटब में गहरे सो जाना।
तू चालबाज निकली बड़ी
बहुत याद आएगी चाँदनी
मिस्टर इंडिया से यूँ तेरा
दुनिया से गायब हो जाना।
इंग्लिश विंग्लिश आती नहीं
फिर भी तेरा यूँ बच्चों का
कैसा इंग्लिश मॉम बन जाना।
बहुत याद आएगी चाँदनी
यूँ मौत के आगोश सो जाना
बहुत याद आएगी चाँदनी
यूँ माह फरवरी सा तेरा
वक्त से पहले ही गुजर जाना।
बहुत याद आएगी चाँदनी
तेरा एक वादा के लिए
एक वादा तोड़ यूँ जुदा होना।

कल फिर कहीं बजेगी बीन
मगर नही नाचेगी नागिनी
कल फिर निकलेगा चाँद
मगर नही निकलेगी चाँदनी।
©पंकज प्रियम
28.2.18

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