होली के रंग
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देखे होली के रंग बहुत
तूम मेरा रंग लगाओ न
चढ़े होली के भंग बहुत
होठो से भंग पिलाओ न।
महक उठेगा वदन बहुत
मेरा गुलाल लगाओ न।
चहक उठेगा तन बहुत
अंग से अंग लगाओ न।
बहक उठेगा उमंग बहुत
मन से तरंग उठाओ न।
भींग जाएगी चुनरी चोली
तुम मेरा रंग लगाओ न।
फिर आएगी कैसी होली
तुम मेरा रंग लगाओ न।
होली रंगों का खेला है
मन उमंगों का मेला है
याद आएंगे फिर बहुत
तुम मेरे रंग रंग जाओ न
मिल जाएंगे मीत बहुत
तुम मेरे संग गीत गाओ न।
घुलमिल जाएंगे रंग बहुत
तुम मेरा रंग लगाओ न।
चढ़े होली के भंग बहुत
तुम होठों से पिलाओ न।
©पंकज प्रियम
1.3.2018
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देखे होली के रंग बहुत
तूम मेरा रंग लगाओ न
चढ़े होली के भंग बहुत
होठो से भंग पिलाओ न।
महक उठेगा वदन बहुत
मेरा गुलाल लगाओ न।
चहक उठेगा तन बहुत
अंग से अंग लगाओ न।
बहक उठेगा उमंग बहुत
मन से तरंग उठाओ न।
भींग जाएगी चुनरी चोली
तुम मेरा रंग लगाओ न।
फिर आएगी कैसी होली
तुम मेरा रंग लगाओ न।
होली रंगों का खेला है
मन उमंगों का मेला है
याद आएंगे फिर बहुत
तुम मेरे रंग रंग जाओ न
मिल जाएंगे मीत बहुत
तुम मेरे संग गीत गाओ न।
घुलमिल जाएंगे रंग बहुत
तुम मेरा रंग लगाओ न।
चढ़े होली के भंग बहुत
तुम होठों से पिलाओ न।
©पंकज प्रियम
1.3.2018
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