कैसी जीत! कैसी हार?
जिस देश की रोटी,खाते हो
उस देश, को गाली देते हो!
कोई जीता, कोई हारा
नारा पाकिस्तान लगाते हो!
इस देश मे, जीते मरते हो
किस भरम में, फिर रहते हो!
क्या मन नही,धिक्कारा!
ऐसी आतंकी,सोच रखते हो।
जिस वेश में,हरदम रहते हो
जिस देश मे हरदम जीते हो
फिर क्यूँ जयकारा!
पड़ोसी देश की तुम करते हो।
जिस धरती ने, तुझको पाला है
बचपन से ही, तुझको संभाला है
क्या दोगे तुम सहारा?
सियासी सोच,गंदा कर डाला है।
धिक्कार है ऐसी तेरी जीत पर
धिक्कार है ऐसी तेरी हार पर
ऐसी !कंजर्फ़ सोच तुम रखते हो
गंदा सियासी खेल तुम रचते हो।
©पंकज प्रियम
16.3.2018
#अररिया जश्न में पाकिस्तानी नारे
#प्रियम
जिस देश की रोटी,खाते हो
उस देश, को गाली देते हो!
कोई जीता, कोई हारा
नारा पाकिस्तान लगाते हो!
इस देश मे, जीते मरते हो
किस भरम में, फिर रहते हो!
क्या मन नही,धिक्कारा!
ऐसी आतंकी,सोच रखते हो।
जिस वेश में,हरदम रहते हो
जिस देश मे हरदम जीते हो
फिर क्यूँ जयकारा!
पड़ोसी देश की तुम करते हो।
जिस धरती ने, तुझको पाला है
बचपन से ही, तुझको संभाला है
क्या दोगे तुम सहारा?
सियासी सोच,गंदा कर डाला है।
धिक्कार है ऐसी तेरी जीत पर
धिक्कार है ऐसी तेरी हार पर
ऐसी !कंजर्फ़ सोच तुम रखते हो
गंदा सियासी खेल तुम रचते हो।
©पंकज प्रियम
16.3.2018
#अररिया जश्न में पाकिस्तानी नारे
#प्रियम
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