एहसास जगी है,दिल में खास
अब तो अपने, पास आ जाने दो।
मेरा दिल भी तो, है तेरे पास
अब तो अपने रूह ,उतर जाने दो।
तुम हो मेरा, पहला एहसास
अब तो सांसों में,बिखर जाने दो।
तुम धड़कन,हो मेरी सांस
एहसास मोहब्बत,हो जाने दो
टूटती सांसो की,जो प्यास
वही इश्क़ एहसास हो जाने दो।
तारीखों से जुदा, इतिहास
चाहत का एहसास,हो जाने दो।
© पंकज प्रियम
No comments:
Post a Comment