ग़ज़ल
भले छीन लो,तुम आज मेरा
कल होगा मेरा, सिर्फ मेरा!
भले तोड़ दो,तुम ख़्वाब मेरा
वक्त भी करेगा,हिसाब तेरा!
मिटा दो ,लिख के नाम मेरा,
तारीख लिखेगा,इतिहास मेरा।
रहेगा अपना, यूँ खूब जलवा
कयामत तक, बेहिसाब मेरा।
भले चुरा लो,तुम नींद मेरी
चिलमन गढ़ेगा,ख़्वाब मेरा।
भले तोड़ लो,सारा फूल मेरा
लफ़्ज़ों में महकेगा,गुलाब मेरा।
भले छीन लो,तुम जमीन मेरी
होगा पूरा खुला,आसमान मेरा।
भले छीन लो,तुम सम्मान मेरा
हमेशा रहेगा,स्वाभिमान मेरा।
वक्त पे जोर, है किसका प्रियम?
आज जो तेरा,कल होगा मेरा
#प्रियम
©पंकज प्रियम
24.3.18
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