एक तेरा और एक मेरा
न समझो सिर्फ था वो
सात कदमों का फेरा।
हर कदम थी कसम
हर सांस साथ का डेरा।
पिता वियोग पति मिलन
के अग्नि पथ का फेरा
संग साथ सात शपथ
सात कदमों का वो फेरा।
घर बाबुल का छोड़
एक बेटी का समर्पण
जीवन आहुति हवन
की थी वो परिक्रमा
सृजन संसार का फेरा।
लेकर हाथों में हाथ
खाई कसम सात साथ
साक्षी बने विश्वास घेरा
नवजीवन का था फेरा।
एक दूजे का खुद से
खुद का सात वादा
संग संग जीने मरने
सात जन्मों का इरादा
एक तेरा एक मेरा
सात कसमों का फेरा ।
संग संग साथ साथ
सात कदमों के फेरा।
©पंकज प्रियम
10.3.2018


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