Saturday, March 31, 2018

मेरा नाम,मेरी पहचान

मेरा नाम,मेरी पहचान

दिल मेरा धड़कन बने किसी का तो बेहतर
सांसों का क्या है?
वो तो मेरे साथ ही,टूटकर बिखर जाएगी।
नाम मेरा,मेरी पहचान बने तो ही बेहतर
दौलत का क्या है?
वो तो मेरे साथ,कब्र तक भी नही जाएगी।
ये दौलत,ये शोहरत
ये जवानी खूबसूरत
साथ कोई नही, सब धरी यहीं रह जाएगी।
जीवन का हरपल यूँ
बचपन से जी लो
सारी दौलत भी तब, यूँ ही पड़ी रह जाएगी।
काम मेरा पहचान बने तो ही बेहतर
शोहरत का क्या है?
वो तो मेरे साथ ही यहीं पे बिसर जाएगी।
©पंकज प्रियम
            सुप्रभातम

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