Tuesday, March 20, 2018

एहसास

एहसास
जगी थी दिल में, जो एहसास
शायद तुझे नहीं, वो एहसास।

तुम थी तो बिल्कुल, मेरे पास
कुछ कहना था, तुझसे खास।

दिल से तो, निकलती थी मगर
रुक जाती,आते लबों के पास।

दिल में दफ़न हुई ,दिल की बातें
रुक गया दिल,तेरे दिल के पास।

हाँ ! तू ही तो है, मेरी पहली मुहब्बत
तू ही है मेरे दिल का, पहला एहसास।

©पंकज प्रियम
20.3.2018










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