Friday, May 25, 2018

350.आया ही नहीं

आया ही नहीं।
राज अपना तो बताया ही नहीं।
इश्क़ हमसे तो जताया ही नहीं।
आपने वादा जो किया था हमसे
वो कभी भी तो निभाया ही नहीं।
दिल से हम तो मुहब्बत करते रहे
इश्क़ में गुणा भाग आया ही नहीं।
दिल में आया सो कह दिया हमने
प्यार में कभी कुछ छुपाया ही नहीं।
अंदर ही सब दर्द सह लिया हमने
दुनियां को जख़्म दिखाया ही नहीं।
हर सितम चुपचाप सह लिया हमने
जिंदगी में किसी को रुलाया ही नहीं।
सादगी में ही जिंदगी जी लिया हमने
ख़्वाब को आंखों में बसाया ही नहीं।
खुद से ही खुद को मना लिया हमने
आपने कभी हमको मनाया ही नहीं।
©पंकज प्रियम
25.5.2018

No comments: