हो गए अपने
प्यार के साथ यूँ लगे बहने
गैर भी आज हो गए अपने
गैर भी आज हो गए अपने
इश्क़ में जो छू लिया तुमने
जख़्म मेरे अभी लगे भरने।
जख़्म मेरे अभी लगे भरने।
इश्क़ ही तो किया था हमने
लोग हमसे यहां लगे जलने।
लोग हमसे यहां लगे जलने।
लौट आयी जो मुहब्बत मेरी
ख़्वाब फिर बहुत लगे पलने।
ख़्वाब फिर बहुत लगे पलने।
जो ख़्वाब कभी देखा हमने
ख़्वाब वही फिर लगे सजने।
ख़्वाब वही फिर लगे सजने।
बन्द आंखों ने जो तब देखा
आज मेरे पूरे हो गए सपने।
आज मेरे पूरे हो गए सपने।
इश्क़ में क्या लिखा है तुमने
आज प्रियम से लगे मिलने।
©पंकज प्रियम
आज प्रियम से लगे मिलने।
©पंकज प्रियम
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