Friday, May 4, 2018

310.तपस्या

तपस्या
क्या हुआ जो जिंदगी में बहुत समस्या है
जीवन तो समझो बस एक तपस्या है।
हर पल हर क्षण जीवन में होता हवन
बर्षो बरस की जिंदगी कठिन तपस्या है।
कभी त्याग-बलिदान,कभी प्रेम समर्पण
हर घड़ी जीवन खुद बड़ी, एक तपस्या है।
यूँ ही नहीं मिल जाती,खुशियां हर क्षण
सुख-दुःख जीवन-मरण की ये तपस्या है।
जीवन के कई रंग, देखे हैं तूने प्रियम
सबको खुश रखना, एक बड़ी तपस्या है।
©पंकज प्रियम
9.4.2018

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