दर्द बनके पिघलने लगे
💔💔💔💔💔
वक्त से भी तेज वो चलने लगे
शाम से पहले ही वो ढलने लगे।
मेरी तरक्की की दुआ करते थे
अब मेरी खुशियों से जलने लगे।
हर कदम जो साथ मेरे चलते थे
अब तो चाँद पे ही वो चलने लगे।
हमने शायद चाहा ही इतना उन्हें
की वो मेरे ही दिल से खेलने लगे।
सिला अच्छा दे गए तुझको प्रियम
दिल में दर्द बनके वो पिघलने लगे
©पंकज प्रियम
14.5.2018
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