देखना
याद तुम्हें मेरी फिर आएगी देखना
तेरे दिल को ये तड़पाएगी देखना।
आज नफ़रत चाहे लाख कर लो
मेरे बिना चैन नहीं पाएगी देखना।
साथ गुजारे लम्हों को याद कर लो
तेरे दिल में सुकून लाएगी देखना।
झूठ मानो तो सांसों से ही पूछ लो
मेरी ही धड़कन सुनाएगी देखना।
कैसे भूल पाओगे उन लम्हों को
हर रोज मेरी याद आएगी देखना।
©पंकज प्रियम
6.5.2018
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