बहुत है
माना इश्क़ की गलियों में तुम्हारे चर्चे बहुत हैं
पर मैंने में भी यहाँ पर दिखाए जलवे बहुत हैं।
पर मैंने में भी यहाँ पर दिखाए जलवे बहुत हैं।
अपने हुश्न पे ना तुम इस कदर भी इतराओ
इन आँखों ने भी यहां देखी हसीनाएं बहुत हैं।
इन आँखों ने भी यहां देखी हसीनाएं बहुत हैं।
देखा है हमने भी परख कर मुहब्बत में सबको
इश्क़ के सफ़र में हसीनाओं के नखरे बहुत हैं।
इश्क़ के सफ़र में हसीनाओं के नखरे बहुत हैं।
छोड़ दिया है अब हमने हसीं ख्वाबों में जीना
चाहतों के दरमियाँ मेरे ख़्वाब बिखरे बहुत हैं।
चाहतों के दरमियाँ मेरे ख़्वाब बिखरे बहुत हैं।
भरोसा नहीं रह गया अब तो किसी के दिल पे
दिलों के खेल में जो सबने बदले मोहरे बहुत हैं।
दिलों के खेल में जो सबने बदले मोहरे बहुत हैं।
उन हसीन लम्हों का हिसाब कर रखा है प्रियम
जज्बातों से भरी लिखी हमने किताबें बहुत है।
©पंकज प्रियम
11.5.2018
जज्बातों से भरी लिखी हमने किताबें बहुत है।
©पंकज प्रियम
11.5.2018
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