322. फैशन
आज के फैशन का भी क्या खूब जलवा है
हमने ब्रांडेड कपड़ों में पूरा जिस्म देखा है।
हमने ब्रांडेड कपड़ों में पूरा जिस्म देखा है।
बदन ढंकने को बना या दिखाने को कपड़ा
हमने कपड़ा पहने भी नँगा इंसान देखा है।
हमने कपड़ा पहने भी नँगा इंसान देखा है।
दिखाना ही मकसद अगर तो क्यूँ है पहना
गरीबों से भी फ़टे कपड़ों में अमीर देखा है।
गरीबों से भी फ़टे कपड़ों में अमीर देखा है।
फ़टी धोती साड़ी तो गरीबों की है किस्मत
हमने नए कपड़ों में अस्मत लुटाते देखा है।
हमने नए कपड़ों में अस्मत लुटाते देखा है।
भिखारी तो लाचारी में ही बदनाम है प्रियम
हमने अमीरों को भी फ़टे कपड़ों में देखा है।
हमने अमीरों को भी फ़टे कपड़ों में देखा है।
©पंकज प्रियम
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