देखते-देखते-3
कहाँ से कहाँ आ गए देखते देखते
इंसा से वो खुदा हो गए देखते देखते।
कभी बनाया था दिल में मकां उन्होंने
दिल से वो जुदा हो गए देखते देखते।
खायी थी कभी वफ़ा की ढेरों कसमें
वो कैसे बेवफ़ा हो गए ,देखते देखते।
मेरी सोहबातों में थे,सारे पल गुजारे
वो कैसे तन्हा कर गए,देखते देखते।
लिखा था कभी साथ,ख्वाबों के पन्ने
कैसे फाड़कर वो गए,देखते देखते।
लगाई थी बाजी दिल की प्रियम तूने
वो कैसे खेल कर गए,देखते देखते।
©पंकज प्रियम
9.4.2018
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